1 जदकी बिकी अराम हाळी झघा म जाबा को बादो हाल बी ह, जणा आपानै चेता म रेह्बो चाए क्युं क कदै अंय्यां नइ होवै क थारै मऊँ कोईसो बी बठै जाबाऊँ चूक ज्यावै।
थे ध्यानऊँ रेहज्यो कदै अंय्यां नइ होज्या क थारै मऊँ कोई परमेसर की दयाऊँ चूक ज्यावै। अर ध्यान राखज्यो क थारै मऊँ कोई खारी जड़ नइ निकळै जखी कयानै असुद अर दुख देबा की बजे बाजै।
जणा आओ आपा बि अराम हाळी झघा म बड़बा ताँई पूरी कोसिस करां, क्युं क कदै अंय्यां नइ होवै क आपणा बा बडका की जंय्यां परमेसर का हुकमानै नइ मानबा की बजेऊँ बि अराम हाळी झघा म जाबाऊँ चूक ज्यावां।
जखोबी हो, बो सातुआ दिनहाळो अराम, हाल बी परमेसर का मिनखानै उडिकर्यो ह।
थे बा मुखियानै याद राखो जखा थानै परमेसर को बचन सुण्या हीं। अर ध्यानऊँ बाका चाल-चलन का फळनै देखर बाकी जंय्यांई बिस्वास करो।
ज आपा बिस्वास जोगा कोनी होवां, जणाबी बो बिस्वास जोगो बण्यो रेह्वै ह, क्युं क बो खुदऊँ कोनी मुकर सकै।”
इ ताँई जखो अंय्यां सोचै क, “म बिस्वास म मजबूत हूँ,” बो ध्यानऊँ रेह्वै क कदै अंय्यां नइ होज्या क बो बिस्वासऊँ गुड़ जावै।
आ बात सची ह क बे बाका भेम की बजेऊँ तोड़ी गई पण थे थारा बिस्वास का बूता प टिकर्या हो। जणा इको गुमान मना करो पण डरता रेह्वो।
क्युं क सगळा पाप कर्या अर परमेसर की मेमाऊँ दूर होगा।
ध्यान राखो, बि बोलबाळानै मना नकारो। ज बे बिनै नकारर कोनी बच पाया, जानै बो धरती पई चेतावनी दि ही, जणा ज आपा बिऊँ मुंडो फेरां, जखो ईस्बर नगरीऊँ चेतावनी देर्यो ह जणा बिऊँ कदैई कोनी बचस्यां।
अर म बानै झाळ्या म आर आ सोगन खार खयो, ‘बे कदैई मेरी अराम हाळी झघा म कोनी बड़सी।’ ”
पण जखो कुटिचर दास होवै ह। बो मन म आ सोचर क मेरा मालिकनै तो हाल आबा म टेम ह।
इ ताँई थे थारा पापऊँ तौबा करो अर हियानै ईस्बर कानि लगाओ जिऊँ परमेसर थारा पाप धो देसी।
परमेसर का संगी होबा क नातै म्हें थानै समजावां हां क परमेसर की दया थार प होई ह बिनै बेकार मना जाबाद्यो।
जखा बी नेम-कायदानै मानबा की बजेऊँ परमेसरनै राजी करबो चावीं, बिको मतबल ह क बे मसीऊँ न्यारा होगा हीं अर परमेसर की दयाऊँ दूर हीं।