जणा बे पोलुस की सुणबा ताँई एक दिन राख्यो। अर बि दिन जठै बो रेहर्यो हो बठै बोळासारा मिनख आर भेळा होया। जणा बो मूसा का नेम-कायदा अर परमेसर की खेबाळा की पोथ्याऊँ ईसु क बारां म समजाबा की कोसिस करतो बानै परमेसर का राज क बारां म समजायो। बो दिनग्याऊँ लेर दिन ढळबा ताँई इमई लाग्यो रिह्यो।
अ, जखा परमेसर का पबितर तम्मू की सेवा करीं हीं बो, जखी ईस्बर नगरी म ह बिकिई नकल अर रूप म ह। इ ताँई जद मूसा पबितर झघा बणाबाळो हो जणा बिनै चेतायो गयो हो क, “याद राखजे हरेक चिज बंय्यांई होणी चाए जंय्यां तनै डूँगर प दिखायो गयो हो।”
अर बाऊँ बोल्यो, “अ बे बाता हीं जखी म जनाड़ै बोली ही जद म थारै सागै हो। अ सगळी बात जखी मूसा का नेम-कायदा म, परमेसर की खेबाळा अर भजना की पोथी म मंडरी ह सगळी पूरी होणीई ही।”
बे मिनख परमेसर का दास मूसा अर उन्या का गीत गावा हा, “परबु परमेसर थे सऊँ सक्तिसाली हो। थारा काम बडा अर ताजूबभर्या हीं। ओ जुग-जुग का राजा। थारो गेलो सचो अर धारमिक ह।