ईसु बिऊँ बोल्यो, “म हर बार दुनिया का मिनखा म खुलर बोल्यो हूँ। म अरदास करबाळी झघा अर मनदर म जठै सगळा मिनख भेळा होवीं हीं सीखायो हूँ। म कदैई ओला म कोनी बोल्यो।
थे परमेसर का पेलीपोत की बिस्वासी मंडळी कनै आग्या हो जाका ईस्बर नगरी म नाम दरज हीं। थे बि परमेसर क कनै आग्या हो जखो सगळा को न्याय करै ह। अर धरम्या की आत्मा कनै आग्या हो जखा सिद बणग्या हीं,