5 थे बि हिमत बंधाबाळा बचननै भूल बेठ्या हो, जखो थानै बेटो जाणर दिओ गयो हो: “ओ बेटा, परबु की सीखनै हळकी बात मना जाण, अर बिकी दकालऊँ कदैई निरास मना होजे।
म जिऊँ बी परेम करूं हूँ बानै दकालूं हूँ अर सूदारूँ हूँ। जणा मजबूत होज्या अर तौबा कर।
पण परबु आपानै सजा देर सुदारबो चावै ह क आपा इ दुनिया क सागै सजानै नइ भोगां।
बो मिनख भागहाळो ह जखो बिचास्या जाबा की घड़ी म डट्यो रेह्वै ह, क्युं क बिनै बिचास्या जाबा क पाछैई खरो मिनख बणार जीवन को मुकट मिलसी, जिनै परबु आपका परेम करबाळानै देबा को बादो कर राख्यो ह।
थे थारी कल्डाईनै सीख जाणर सेल्यो। क्युं क परमेसर थानै बेटो जाणर थारै सागै बरताव करै ह। बो कूणसो बेटो ह जिनै बिको बाप कोनी सुदारै?
बो अठै कोनी। बो जी उठ्यो। बा बात याद करो जखी बो मरबाऊँ पेली गलिल म थारूँ बोली ही।
जणा बा लूगाया क बिकी बाता याद आई।
जणा आपानै चाए क जीज्यानऊँ भला काम करबा म लाग्या रेह्वां। जिऊँ ठिक टेम आबा प आपानै बिको फळ मिलै।
हमनियस अर सिकन्दर बामैऊँई हीं, जानै म सेतान क हाता म सूप दिओ, जिऊँ बानै परमेसर की बुराई नइ करबा को पाठ सीखायो जा सकै।
ओ मेरा लाडला बिस्वास्यो, म थारूँ अरदास करूं हूँ क थे आ हिमत बंधाबाळा बचना प चालो, क्युं क म थानै थोड़ीई बाता मांडी ह।