5 इ ताँई जद मसी इ जगत म आयो हो जणा बो बोल्यो हो क, “तू बलिदान अर चढाओ कोनी चायो, पण मेरै ताँई एक काया त्यार करी ह।
बो आपणा पापनै खुदकी काया प लेर सुळी प चढगो, जिऊँ आपा पाप करबा बेई मर्या समान होवां अर जखो सई ह बिनै करबा बेई जीवां। थानै निरोगो कर्यो जा सकै, इ ताँई बो आपकी काया प घाव लिआ।
अर जद परमेसर आपका पेलीपोत का बेटानै जगत म भेज्यो ह, जणा बो बोलै ह क, “सगळा ईस्बर नगरी दुत बिकै आगै धोक खावै।”
जणा म बोल्यो, ‘मेरै बारां म जंय्यां पबितर सास्तर म मंडेड़ो ह क, “म अठै हूँ।”’ ओ मेरा परमेसर म थारी इंछ्या पूरी करबा आयो हूँ।”
क्युं क बा ओलाद मास अर लोय की ही इ ताँई ईसु बी मास अर लोय को बण्यो। जिऊँ बो आपकी मोतऊँ सेताननै नास करै, सेतान जिकनै मारबा की सक्ति ही
अर परमेसर की बि इंछ्याऊँ आपा ईसु मसी की कायानै एकर बलिदान करबा की जरिए पबितर कर दिआ गया हां।
पण जद ते टेम आयो, जणा परमेसर आपका बेटानै भेज्यो बो लूगाईऊँ जलम्यो। अर बो नेम-कायदानै मान्यो,
म आ बात इ ताँई बोलुँ हूँ, क्युं क इ दुनिया म बोळा भटकाबाळा मिनख हीं। अर जखो बी मिनख इ बातनै कोनी मानै क ईसु मसी इ धरती प मिनख काया को रूप लेर आयो, जणा बो छळ करबाळो ह अर मसी को बेरी ह।
क्युं क जिनै बी म्हायाजक बणायो जावै ह बो भेंट अर बलि चढाबा ताँई बणायो जावै ह। इ ताँई जरूरी हो क इ म्हायाजक क कनै बी चढावा ताँई क्युंनै क्यु होणो चाए हो।
कोई कोनी नट सकै क, भगती को भेद कंय्यां को म्हान ह, बो जखो मिनख जूण म परगट होयो, पबितर आत्मा जिनै धरमी बतायो, अर ईस्बर नगरी दुत जिनै देख्या, देस-देस म बिको परचार कर्यो गयो, जगत म बिपै बिस्वास कर्यो गयो, अर ईस्बर नगरी म उठा लिओ गयो।
बचन देधारी होयो। बो दया अर सच क सागै म्हारै मांयनै रिह्यो। अर म्हें बिकी अंय्यां की मेमा देखी जंय्यां परम-पिता का इकलोता बेटा की मेमा।
ईस्बर नगरी दुत खयो, “पबितर आत्मा तेरै प उतरसी अर परम-परधान की सक्ति तनै आपकी ओट म ले लेसी, इ बजेऊँ बो पबितर टाबर परमेसर को बेटो खुवासी,
“थे बेई हो के जखा आबाळा हा नहिस म्हें ओरनै उडिकां?”
जणा यहून्ना आपका दो चेलानै बुलार बानै ईसु कनै ओ बेरो पाड़बानै भेज्यो क, “थे कूण हो? कदै थे आबाळा बेई तो मसी कोनी हो नहिस फेर म्हें कोई ओरनै उडिकां?”
ईसु जद काया म इ धरती प हो बा दिना म बो जोर-जोरऊँ अर रो-रोर बिऊँ अरज अर अरदास करतो रिह्यो जखो बिनै मोतऊँ बचा सको हो। अर बिकी भगती की बजेऊँई बिकी सुणी गई।
क्युं क बो पेल्याई बोल्यो हो क, “बलिदान, चढाओ, होमबली अर पापबली नइ तो चावै अर नइ आऊँ राजी होवै।” जदकी नेम-कायदा गेल तो अ सगळी चिजा चढाई जावै ह।