4 क्युं क ओ तो अणहोतो ह क बकरा अर सांड को लोय पापनै धो सकै।
जदकी हरेक याजक खड़्या होर रोजकी धारमिक सेवा पूरी करै ह अर एकई जंय्यां का बलिदान बार-बार चढावै ह जखा कदैई पाप कोनी धो सकै।
क्युं क थे आ तो जाणोई हो क मसी मिनखा का पापनै धोबा ताँई आयो , अर आबी जाणो हो क बिकै मांयनै क्युंई पाप कोनी।
अर बाकै सागै मेरो ओ नयो करार ह, क म बाका पापनै दूर कर देस्युँ।”
क्युं क बो पेल्याई बोल्यो हो क, “बलिदान, चढाओ, होमबली अर पापबली नइ तो चावै अर नइ आऊँ राजी होवै।” जदकी नेम-कायदा गेल तो अ सगळी चिजा चढाई जावै ह।
अर ओ पबितर तम्मू आज का जुग ताँई मिसाल ह, जखो आ दिखावै ह क जखी भेंट अर बलिदान चढायो जार्यो ह बो भगती करबाळा मिनखा की अन्तर-आत्मानै समुळी सुद कोनी कर सकै।
आगलै दिन ईसुनै आप कानि आतो देखर यहून्ना बोल्यो, “देखो, ओ परमेसर को उन्यो ह, जखो जगत का मिनखा का पाप ताँई बलिदान होसी।
आपका सगळा हियाऊँ सगळी बुदीऊँ अर आपकी सगळी सक्तिऊँ परमेसरऊँ परेम करो अर आपका पड़ोसीऊँ खुदकी जंय्यां परेम करो। अर अ दोन्यु सगळा होमबली अर चढावाऊँ बढकै ह।”
नेम-कायदा तो आबाळी चोखी बाता की छाया ह। पण ओ बाको असली रूप कोनी ह। इ ताँई चढावा की चिजानै चढावा क रूप म हर बरस चढायो जातो हो जखी परमेसर क कनै आबाळा मिनखानै कदैई सिद कोनी कर सकै।