9 याद राखो, “जरासो खमिर गुंदेड़ा सगळा आटानै फूला देवै ह।”
धोको मना खाज्यो क्युं क, “बुरी संगती चोखी बाणनै बिगाड़ देवै ह।”
ईसु बानै चेतार ओडायो क, “थे फरिसीया अर हेरोद का खमिरऊँ बचर रेहज्यो।”
ओ बि चिनासाक खमिर की जंय्यां ह, जिनै लेर एक लूगाई घणा सारका आटा म रळाई अर देखता-देखता सगळा आटा को खमिर उठगो।”
जद झारा की तादाद म मिनख एक सागै भेळा होया। जणा बठै पग धरबाकी झघा कोनी ही जणा सऊँ पेली ईसु आपका चेलानै बोल्यो, “फरिसीया का खमिरऊँ बचर रेह्ओ मेरो मतबल बाकै ढोंगऊँ ह।
अंय्यां की बाता खुला घाव की जंय्यां फेलै ह, हमनुस अर फिलेतुस बामैऊँई ह।
“हे सपोलो थे काँई सोचो हो, के थे नरकऊँ बच ज्यास्यो।
ईसु बानै एकोर बात मिसाल देर खई, “ईस्बर नगरी को राज खमिर की जंय्यां ह। एक लूगाई चिनोसोक खमिर लेर बिनै घणासारा आटा म मिलार म्हेलदि अर बि सगळा आटा को खमिर उठगो।”