12 चोखो तो ओ होतो क थानै भंगराबाळा सुन्नत के करा हा काटई लेता।
म परबु म थारै उपर पूरो भरोसो करूं हूँ, क थे दुसरा मतनै कोनी मानो पण जखा थानै भंगरावै ह चाए बे कोईबी क्यु नइ हो बे सजा पासी।
जखा अबिस्वासी हीं बाको न्याय तो परमेसरई करसी। अर सास्तर म जंय्यां मंडर्यो ह क “थे थारै मांयनैऊँ बुरा मिनखनै निकाळ द्यो।”
फूट गेरबाळा मिनखनै चिता अर ज बो एक बर म नइ मानै जणा बिनै दुसरकै चिता जद बो दुसरकै बी नइ मानै जणा बिऊँ किनारो करले।
म्हें बठै बा मिनखा की बजेऊँ गया जखा म्हारै बिचमै ओलै-छानै मसी ईसु क गेल चालबाळा बणर आगा हा। अर बे अंय्यां इ बजेऊँ कर्या क मसी ईसुऊँ आबाळी अजादि को चोखो समचार जखो म्हानै मिल्यो ह बिको भेद लेर म्हानै दास बणावै।
म्हारा काना म आ बात आई ह क म्हारै मऊँ क्युंक मिनख बठै थारै कनै आर थानै आपकी बाताऊँ घबरा दिआ अर भंगरा दिन्या। पण अंय्यां करबा ताँई म्हें तो बानै ओडायो कोनी जणाई तो
जणा पतरस बिऊँ बोल्यो, “थे दोन्यु परबु की पबितर आत्मानै बिचासबा ताँई क्याले सोची? इब देख तेरा मोट्यारनै गाडबाळा बारना मई खड़्या हीं अर बे तनै बी लेज्यासी।”
आ सुणताई हनन्या पड़गो अर पड़ताई पिराण तज दिआ। अर जत्ता बी आ सुणी अर देखी बा सगळा म डर बड़गो।
बे बिऊँ बोल्या, “तू तो पापऊँ जलम्यो ह, तू म्हानै काँई सीखावै ह ?” अर बे बिनै अरदास करबाळी झघाऊँ बारनै काड दिआ।