ओ मेरा लाडला बिस्वास्यो, थे अजाद रेह्बा ताँई बुलाया गया हो, पण अंय्यां नइ हो क आ अजादि काया का कामानै पूरो करबा को सादन बणै। पण परेमऊँ एक दुसरा का दास बणो।
पण इब थे परमेसरनै पिछाण लिआ हो अर परमेसर थानै पिछाणै ह। जणा इब थे जगत की बाता कानि जामै दमहाळी बात कोनी अर जखी बेफालतू की ह, ओज्यु बाका गुलाम क्यु होबा जार्या हो?
पण इब आपानै नेम-कायदाऊँ छुटकारो दे दिओ गयो ह जिकै बंदण म आपा बंदर्या हा अर आपा बि नेम-कायदा ताँई मरलिआ। जिऊँ बि पुराणा मंडेड़ा नेम-कायदाऊँ नइ पण पबितर आत्मा की नएड़ी रीत गेल सेवा करां।
लाडलो म तो घणोई चातो हो क, थानै बि छुटकारा क बारां म मांडूँ, जिका आपा बराबर का पाँतीवाळ हां। अर मनै अंय्यां बी लाग्यो क, म थानै अ बाता मांडर बढाओ द्युँ जिऊँ थे बिस्वास म बढता रेह्ओ, ओ बो बिस्वास ह जखो परमेसर का मिनखानै दिओ गयो ह।
जणा मोटी बात आ ह क थारा जीवन की उठ बेठ खाली मसी का चोखा समचार जोगी होणी चाए; जिऊँ म थारै बारां म आई सुणू क थे एकई मकसद ताँई खड़्या हो अर एकई मनस्या राख'र चोखा समचारऊँ मिलेड़ा बिस्वास ताँई कड़ी मेनत करतार्यो हो, चाए म थानै आर देखूँ चाए नइ देखूँ,