16 जणा के म सच बोलबा की बजेऊँई थारो बेरी होगो?
थे तो बोळी चोखी तर्याऊँ मसी को जीवन जिर्या हो। जणा इब थार म कूणसी बात ह जखी थानै सचाई प चालबाऊँ रोकै ह?
पण म साची बोलुँ हूँ, इ ताँई थे मेरो बिस्वास कोनी करो।
पण म्हें स्यात घड़ीई बाकै आगै हार कोनी मानी, जिऊँ चोखा समचार की सचाई थारै मांयनै बणी रेह्वै।
जगत थारूँ नफरत कोनी करै, पण मेरूँ करै ह, क्युं क म खेऊँ हूँ क, ‘तेरा करम बुरा हीं।’
अर म आ देखर क बे चोखा समचार की सचाई प खराईऊँ कोनी चालीं, जणा म सकै सामै केफाऊँ बोल्यो, “तू यहूदि होर बि गैर-यहूदि मिनखा की जंय्यां जीतो आर्यो ह, जणा गैर-यहूदि मिनखानै यहूदि मिनखा की जंय्यां जीबा ताँई क्यु खेवै ह?”
जणा फेर थारी बा धने भावना इब कठै गई? म इ बात को थारो गुवा हूँ, जि टेम का ज मोको पड़तो तो थे थारी आँख्या का'डर मनै दे देता।
बिधी-बिधान प चलाबाळा मिनख थार म मो तो राखै ह पण बाकी नीत सई कोनी। बे थानै मेरूँ न्यारो करबो चावीं हीं, जिऊँ थे बी बामै मो घालल्यो।