15 जणा फेर थारी बा धने भावना इब कठै गई? म इ बात को थारो गुवा हूँ, जि टेम का ज मोको पड़तो तो थे थारी आँख्या का'डर मनै दे देता।
बिस्वास की बजेऊँ बो आपानै परमेसर की दया म ल्यायो जिमै आपा इब जिर्या हां अर परमेसर की मेमा की आस प गुमान करां हां।
थारै ताँई अर लोदिकीया अर हिरापुलिस नगर्या का मिनखा ताँई बो बोळी कड़ी मेनत करै ह इ बात की म खुद गुवाई दे सकूँ हूँ।
बाका कामा की बजेऊँ प्यार-परेम क सागै बानै बोळा आदरमान क जोगा जाण्या करो अर आपसरी म मेळमिलापऊँ रेह्ओ।
पण थारै ताँई म्हारा प्यार-परेम क चलतै म्हें थानै चोखो समचारई कोनी सुणाया, पण इकै सागै थारै ताँई ज्यान देबानै बी राजी हां क्युं क थे म्हारा प्यारा बणग्या हा।
पण हरेक मिनखनै खुदका कामा क बारां मई जाच पड़ताळ करनी चाए। क्युं क अंय्यां करबाऊँ बिनै खुदनै गुमान करबा को मोको मिलसी। पण बिनै दुसराऊँ खुदकी बराबरी नइ करबो चाए।
पण पबितर आत्मा का फळ परेम, खुसी, स्यांती, थ्यावस, दया, भलाई, बिस्वास,
ओ मेरा टाबरो, जद ताँई थार म मसी को सुभाव नइ आज्यावै, जद ताँई म जच्चा की सी पिड़ा भोगर्यो हूँ।
मसी ईसु आपानै इ ताँई छुटायो ह क अब्राहमनै दियड़ो आसिरबाद गैर-यहूदि मिनखानै मिल सकै, जिऊँ आपानै बिस्वास करबा की बजेऊँ पबितर आत्मा मिल सकै जिको करार करेड़ो ह।
अर म बाकै बारां म खे सकूँ हूँ क, बे आपकी पायना गेलई कोनी दिआ पण बिऊँ बढर दिआ। अर अंय्यां बे आपकी सरदा गेल कर्या।
थारै बिस्वास गेल थानै आस देबाळो परमेसर थानै सुक-स्यांती अर खुसीऊँ भर देवै। जिऊँ पबितर आत्मा की सक्तिऊँ थारी आस बढती जावै।
क्युं क म इ बात की गुवाई दे सकूँ हूँ क बामै परमेसर की धुन ह। पण बा धुन ज्ञान गेल कोनी।
ज मेरा बस म होतो क, म मेरा यहूदि भाई-भाणा अर मेरा देस का मिनखा ताँई सराप खुद प ले लेतो, अर मसीऊँ न्यारो होज्यातो।
कांकरा प पड़बाळा बीज बे हीं जखा बचन सुणर बिनै राजी होर मानली। पण बाकै मना म बो गेराई कोनी पकड़ै बे थोड़ी देर ताँई बिस्वास करीं पण जद बानै बिचास्यो जावै जणा बे ओटा सरक ज्यावै।
अर मेरी आ बिमारी थारी बिचासबा की घड़ी होई, जणा बी थे मनै छोटो कोनी जाण्या अर नइ मेरूँ नफरत करी, पण परमेसर का ईस्बर नगरी दुत अर मसी ईसु की जंय्यां जा'णर मेरी आवभगत करी।
जणा के म सच बोलबा की बजेऊँई थारो बेरी होगो?