11 इऊँ तो ओ साबित होवै ह, क नेम-कायदा क जरिए परमेसर क सामै कोई धरमी कोनी होवै। क्युं क सास्तर म मंडर्यो ह क, “परमेसर क सामै मिनख बिस्वासऊँ धरमी होसी अर जिसी।”
क्युं क चोखो समचार परमेसर की धारमिक्तानै बतावै, आ धारमिक्ता सरूआतऊँ लेर आखीर ताँई बिस्वास प टिकरी ह जंय्यां क पबितर सास्तर म मंडर्यो ह, “धरमी मिनख बिस्वासऊँ जिसी।”
पण मेरो धरमी मिनख बिस्वासऊँ जिसी, अर ज बो बिस्वासऊँ फिरज्या जणा म बिऊँ राजी कोनी रेहस्युं।”
पण आपा जाणा हां, क मिनख नेम-कायदानै मानबाऊँ नहिस करमाऊँ परमेसर क सामै धरमी कोनी बणै, पण ईसु मसी प बिस्वास करबाऊँ धरमी बणै ह। जणा आपा बी ईसु मसी प बिस्वास कर्या अर आई बजे ह क आपा परमेसर क सामै धरमी बण्या, क्युं क बिधी-बिधान का करमाऊँ कोई बी धरमी कोनी बणै।
बे एक नयो गीत गार्या हा, “तूई, इ कागदनै अर इपै लगाईड़ी म्होरा की चेपीनै, खोलबा जोगो ह, क्युं क तू बलि होयो, थारा लोयऊँ, सगळा कूणबा का मिनखानै, सगळी बोली बोलबाळानै, देस-देस का मिनखानै परमेसर ताँई मोल लिआ हो।
क्युं क आपणाऊँ बोळीबर चूक होवै ह। पण जखो बचन म चूक कोनी करै बो सिद मिनख ह अर बो आपकी सगळी काया प लगाम लगा सकै ह।
पण परमेसर अर परम-पिता की नजर्या म खरी अर पबितर भगती तो आ ह क अनाथ अर खाली होईड़ीनै बाकै दुख दरद म समाळै अर खुदनै इ दुनियादारीऊँ बेदाग राख।