अर आज म जोक्यु बी हूँ परमेसर की दयाऊँ हूँ, अर बिकी दया मेर ताँई बेकार कोनी गई म दुसरा भेजेड़ा चेलाऊँ बढचढ'र मेनत करी ह। पण आ मेरी काबलीयत कोनी आ तो परमेसर की दया ह।
म्हें इ ताँई बी थारै ताँई परमेसर को धनेवाद करता कोनी रूकां, क जद म्हें थानै परमेसर को चोखो समचार सुणायो हो जणा थे इनै मिनखा कानि को कोनी जाण्या पण परमेसर को जा'णर इनै मान्या अर सच बी ओई ह, इ बजेऊँ परमेसर थारै म जखा बिस्वास करो हो काम करै ह।