लाडलो म तो घणोई चातो हो क, थानै बि छुटकारा क बारां म मांडूँ, जिका आपा बराबर का पाँतीवाळ हां। अर मनै अंय्यां बी लाग्यो क, म थानै अ बाता मांडर बढाओ द्युँ जिऊँ थे बिस्वास म बढता रेह्ओ, ओ बो बिस्वास ह जखो परमेसर का मिनखानै दिओ गयो ह।
म बावळा की ढाळ बोल्यो, पण अंय्यां करबा ताँई थेई मनै उकसाया। जदकी म तो क्युंबी कोनी हूँ, पण थानै तो मेरी बडाई करबो चाए, क्युं क म थारा बा भेजेड़ा चेला मऊँ, एक बात म बी कम कोनी हूँ।