5 परमेसर की मेमा जुग-जुग होवै! अंय्यांई होवै।
क्युं क सगळा को रचबाळो बोई ह। बिऊँ सगळा हीं अर बे बी ताँई हीं। बिकी सदाई मेमा हो! अंय्यांई होवै।
बो जोरऊँ बोलर्यो हो, “परमेसरऊँ डरो अर बिकी जे-जैकार करो, क्युं क बिकी न्याय करबा की घड़ी आगी ह। बिकी जेजैकार करो जखो आसमान अर धरती, समदर अर पाणी का कूंडानै बणायो ह।”
अर बे बोल्या, “अंय्यांई होवै! म्हारा परमेसर की मेमा, बडाई, धनेवाद, ज्ञान, मान, सक्ति अर बळबूतो सदाई होती रेह्वै। अंय्यांई होवै!”
बे जोर-जोरऊँ हेलो पाड़र्या हा, “जखो उन्यो बलि चढायो गयो हो, बो मेमा, मान, धनेवाद, बळबूतो, सक्ति, बुदी अर धन पाबा जोगो ह।”
पण आपणा परबु अर छुटकारो देबाळा ईसु मसी की दया अर बिकी पिछाण म बढता जाओ। बिकी मेमा इब अर सदा-सदाई होती रेह्वै। अंय्यांई होवै!
परमेसर को राज जुग-जुग रेह्वै। अंय्यांई होवै।
अर परबु मनै सगळी बुरी बाताऊँ बचासी अर बचार ईस्बर नगरी राज म लेज्यासी। बिकी मेमा जुग-जुग होती रेह्वै। अंय्यांई होवै!
अर इब सदाई राज करबाळो राजा, अनदेख्यो, अमर अर बस बि एकई परमेसर को मान अर गुणगान जुग-जुग होतो रेह्वै। अंय्यांई होवै।
आपणा परमेसर अर परम-पिता की मेमा जुग-जुग होती रेह्वै। अंय्यांई होज्यावै।
जणाई म्हें मसी प आस लगाबाळा पेला हां, परमेसर की मेमा ताँई जे-जैकार करां हां।
ईसु मसी क जरिए खाली बि एकई ज्ञान का सागर परमेसर की कदैई नइ मिटबाळा जुग ताँई मेमा हो। अंय्यांई होज्यावै!
क, “ईस्बर नगरी म परमेसर की जे-जैकार हो अर धरती प बा मिनखानै स्यांती मिलै जिऊँ बो राजी ह।”
म थानै जखो हुकम दिओ हूँ बे सगळी बाता बानै मानबो सीखाओ। अर याद राखज्यो इ दुनिया की अंत घड़ी ताँई सदाई म थारै सागै रेहस्युं।”
अर थे म्हानै बिचासबा मना द्यो पण बुराईऊँ बचाओ।
इ ताँई ज खाबो मेरा बिस्वासी भाईनै पाप करबा ताँई उकसावै ह जणा म कदैई मास कोनी खास्युं जिऊँ म मेरा बिस्वासी भाई क सामै पाप की बजै नइ बणू।