अर इब म खुद जिंदो कोनी हूँ, पण मसी मेरै म जीवै ह। अर ज म काया म जिंदो हूँ तो बस बि बिस्वासऊँ जिंदो हूँ जखो परमेसर का बेटा प ह, जखो मेरूँ परेम कर्यो अर मेरै ताँई खुदनै दे दिओ।
अर गेलड़ा दिना म थे इ जगत का कूगेला प चालता हा, अर सगळी सूगली ओपरी बलाया का राजा को कह्यो कर्या करता हा, आ आत्मा बा मिनखा प हक जमावै ह जखा परमेसर का हुकमानै कोनी मानै।
इकै पाछै म देख्यो क मेरै सामै मिनखा की बोळी बडी भीड़ ही जिनै कोईबी कोनी गिण सकतो हो, बि भीड़ म सगळा कूणबा का मिनख, देस, बोली, अर हर दिसावर का मिनख हा , जखा बि सिंघासन अर उन्या क सामै खड़्या हा। बे धोळा गाबा पेरमाल्या हा अर हाता म खजूर की डाळ्यां ले राख्या हा।