17 अर नइ म यरूसलेम म बा मिनखा क कनै गयो जखा मेरूँ पेली भेजेड़ा चेला हा। पण म तावळोसो अरब दिसावर चलेगो, अर बिकै पाछै दमिसक नगरी आग्यो।
अर तीन बरसा क पाछै म यरूसलेम म केफाऊँ जाणकारी लेबा गयो, अर बिकै सागै पन्दरा दिन रिह्यो।
अर दमिसक नगरी की अरदास करबाळी झघा का नामऊँ इ बात को अधिकार कागद माँग्यो क ज कोई मिनख बिनै परबु का इ पंथ म लाधै चाए बो मोट्यार हो चाए लूगाई, सगळानै बां'दर यरूसलेम ल्या सकै।
जणा पाछै साऊल धरती पऊँ खड़्यो होयो अर जंय्यांई बो आपकी आँख्या खोली बिनै क्युंई कोनी सुज्यो अर बिनै बिकै सागै हाळाई बिको हात पकड़र दमिसक नगरी म लेग्या।
बि दमिसक नगरी क मांयनै एक चेलो हो जिको नाम हनन्या हो बिनै परबु दरसाव देर बोल्यो, “हनन्या” जणा बो बोल्यो, “परबु म अठै हूँ”
इकै पाछै रोटी टुकड़ो खार बिमै ओज्यु सत आग्यो। अर बो कई दिना ताँई चेला क सागै दमिसक नगरी मई टिक्यो रिह्यो।