5 ओ गुलामो, जखा मिनख इ धरती प थारा मालिक हीं बाकी सेवा सचा मनऊँ डर'र धुजता होया करो जंय्यां मानो की थे मसी की सेवा करर्या होवो।
ओ लूगायो, थे थारा मोट्यारा क बस म रह्यो जंय्यां परबु क रेह्ओ हो।
क्युं क बो देखसी क थे परमेसर को आदरमान करो हो अर पबितर चाल-चलन राखो हो।
पण बो एक दास की जंय्यां नइ पण एक भाई की जंय्यां मेरो लाडलो ह अर मेरूँ बेत्ती बो परबु क गेल चालबा की बजेऊँ अर एक सागी भाई क रूप म तनै बोळो प्यारो होसी।
मेरा लाडलो, इ ताँई जंय्यां थे सदाऊँ मेरा हुकमानै मान्या हो जद म थारै सागै हो, ओ ओर बी जरूरी ह क, इब म थारै कनै कोनी हूँ जणा बी थे मेरा हुकमानै मानो। अर परबु का डर म धुजता होया थारा छुटकारानै सूल पूरो करो;
म्हानै गुमान ह क म्हें साप अन्तर-आत्माऊँ आ खे सकां हां, क म्हें इ दुनिया का मिनखा क सागै अर खासकर थारै सागै परमेसर की खराई अर ईमानदारीऊँ रिह्या हां। अंय्यां म्हें परमेसरऊँ मिलबाळी दयाऊँ कर्या हां, दुनियादारीऊँ मिलबाळी बुदीऊँ नइ।
क्युं क जि दासनै परबु बुलायो ह बो परबु को अजाद मिनख ह। अर अंय्यांई अजाद मिनखनै परबु बुलायो ह बो परबु ईसु मसी को दास ह।
क्युं क म खुद दुसरा क तळै काम करबाळो आदमी हूँ अर मेरै तळै बी सिपाईड़ा काम करीं हीं, अर जद म बामैऊँ एकनै ओडाऊँ क, ‘तू जा ’ जणा बो चल्यो जावै अर दुसरानै ओडाऊँ क, ‘आ’ जणा बो आज्यावै ह। अर जद म मेरा दासऊँ खेऊँ हूँ क, ‘अंय्यां कर’ जणा बो बंय्यांई करै ह।”
“कोईबी मिनख एक सागै दो मालिका की सेवा कोनी कर सकै। क्युं क बो एकऊँ तो परेम राखसी अर दुसराऊँ नफरत करसी, एकऊँ तो बफादार रेह्सी दुसरानै छोटो जाणसी। अंय्यांई थे परमेसर अर धन की सेवा एक सागै कोनी कर सको।
अर जखा आपणा परबु ईसु मसीऊँ नइ मिटबाळो प्यार-परेम राखै ह, बा सगळा प परमेसर की दया होती रेह्वै।
बो जदबी आ याद करै ह क थे कंय्यां बिकी बात मान्या अर आदरमान क सागै कंय्यां बिकी मनवार करी ही जणा बिको परेम थारै बेई ओर बी बेत्ती उमड़ै ह।
जणाई म थारै कनै डरपतो, धुजतो अर कमजोरी क सागै आयो,
बे रोजकी एक टोळी की जंय्यां मनदर म मिलता, एक-दुसरा का घरा म रोटी तोड़ता। राजी-खुसी अर सिदा मनऊँ एक सागै रळमिल रोटी खाता।
“थारी काया को दिओ आँख ह इ ताँई ज थारी आँख निरोगी ह तो थारी सगळी काया म बी च्यानणो रेह्सी।
ज मेरा बस म होतो क, म मेरा यहूदि भाई-भाणा अर मेरा देस का मिनखा ताँई सराप खुद प ले लेतो, अर मसीऊँ न्यारो होज्यातो।