4 टाबर-टिकरा हाळो, थारा टाबरानै झाळ मना दिवाओ पण बाका चाल-चलननै सई करबा अर बिस्वास म बढबा ताँई परबु की सीख देर बानै पाळो-पोसो।
टाबर-टिकरा हाळो, थे थारा टाबरानै दुखी मना करो कदै अंय्यां नइ होज्या क बाको मन मर जावै।
अर टाबरपुणाऊँई तू पबितर सास्तरनै जाणै ह जखो मसी ईसु म बिस्वास की बजेऊँ तनै छुटकारा ताँई बुदी दे सकै ह।
म तेरा सचा बिस्वासनै बी याद करूं हूँ, पेल्या ओ बिस्वास तेरी नानी लोइस अर तेरी माँ उनिके म हो, अर म इ बात ताँई पक्को हूँ क, बोई बिस्वास तेरै म बी ह।
जखा आपका माँ-बाप का कह्या म चालीं हीं बा ताँई बो बादो ओ ह की, ‘बाको भलो होसी अर बे धरती प बोळा दिना ताँई जिसी।’”