18 हरेक मोका प अर सगळी बाता म पबितर आत्माऊँ अरदास करता रह्यो अर बंय्यांई सगळा परमेसर का मिनखा ताँई जी ज्यानऊँ अरदास करबा ताँई जागता रेह्ओ।
अरदास करबा म लाग्या रेह्ओ।
ध्यानऊँ अरदास करबा म लाग्या रह्यो अर परमेसरनै धनेवाद देता रेह्ओ।
कोईबी बात की चिंत्या मना करो, पण परमेसर को सगळी बात ताँई दिलऊँ धनेवाद करता होया थानै जखो चाए ह बि ताँई बिऊँ अरदास अर बिणती कर माँगता रह्यो।
इब सऊँ पेल्या म थारूँ अंय्यां अरज करूं हूँ क, बिणती, अरदास, बिचबचाव अर धनेवाद परमेसरनै सगळा मिनखा ताँई दिओ जावै।
पण लाडलो, थे बिस्वास की पबितर निम प मजबूत होता जाओ अर पबितर आत्मा की मददऊँ अरदास करो।
थे जागता रिह्यो अर अरदास करो जिऊँ थे बिचास्या नइ जाओ। आत्मा तो जखो सई ह बो करनो चावै ह पण आ काया माड़ी ह।”
इ ताँई सदाई चेता म रेह्ओ अर सदाई अरदास करता रेह्ओ जिऊँ थे सगळी होबाळी बाताऊँ बच सको अर मिनख का बेटा क सामै खड़्या हो सको।”
थे जागता रेह्ओ अर अरदास करो जिऊँ थे बिचास्या नइ जाओ। आत्मा तो चावै ह पण आ काया माड़ी ह।”
मेरो, परमेसर पितानै थारै ताँई धनेवाद देबो कोनी रूक्यो। म जद बी परमेसर क सामै जाऊँ जणा म थानै याद करबो कोनी भूलूँ।
आस म राजी रेह्ओ, पिड़ा म थ्यावस राखो, लगातार अरदास करता रेह्ओ।
इ बजेऊँ थे समळर जागता रेहज्यो थानै कोनी बेरो क बो दिन कद आसी अर नइ थे बि दिन क बारां म जाणो।
बा घड़ी सांकड़ैई ह जद सक्यु नास होज्यासी। इ ताँई स्याणा बणो अर खुदनै बस म राखो जिऊँ थानै अरदास करबा म मदद मिलै।
अर आकै सागै क्युंक लूगाया बी ही, अ सगळा एक चित होर अरदास करबा म लाग्या रेह्ता हा। बामै ईसु की माँ मरीयम अर बिको भाई बी हो।
जणा बो बानै बोल्यो, “सोर्या क्याले हो खड़्या होर अरदास म लागज्याओ जिऊँ थे बिचास्या नइ जाओ।”
ईसु जद काया म इ धरती प हो बा दिना म बो जोर-जोरऊँ अर रो-रोर बिऊँ अरज अर अरदास करतो रिह्यो जखो बिनै मोतऊँ बचा सको हो। अर बिकी भगती की बजेऊँई बिकी सुणी गई।
तिमूतियूस म रात-दिन मेरी अरदास म तनै याद करूं हूँ, अर तेरै ताँई परमेसरनै धनेवाद देऊँ हूँ। जिकी सेवा म मेरा बडका की जंय्यां पबितर अन्तर-आत्माऊँ करूं हूँ।
अर जद बी म था सगळा ताँई परमेसरऊँ अरदास करूं जणा म राजी हियाऊँ थारै ताँई अरदास करूं हूँ,
अर सागै की सागै मेर ताँई बी अरदास कर्या करो क बोलबा की घड़ी परमेसर मनै अंय्यां को जोरदार समचार दे जिका भेदनै म बेधड़क होर बता सकूँ।
अर जद पतरस कोठड़ी म बंद हो बि टेम सगळी बिस्वासी मंडळी बि ताँई पूरा मनऊँ परमेसरऊँ अरदास करबा लागरी ही।
क्युं क तू जखो परेम परमेसर का मिनखा ताँई राखै ह, अर जखो बिस्वास तू ईसु मसी म राखै बिकै बारां म, म सुणतो रेह्वूं हूँ।
बो परमेसर को भगत हो जखो आपका पूरा परवार समेत ईस्बर को डर मानतो हो, बो सदाई गरीबानै दान दिआ करतो हो अर परमेसरऊँ अरदास कर्या करतो हो।
अर म्हें म्हारो सगळो टेम अरदास करबा अर बचन को परचार करबा अर सीखाबा म लगास्यां।”
जिऊँ थे परमेसर का सगळा मिनखा क सागै इ बातनै समजबा की सक्ति पाओ क मसी को प्यार-परेम कत्तो लामो-चोड़ो, कत्तो डूँगो अर कत्तो उचो ह।
म परमेसर का सगळा मिनखा म सऊँ छोटो हूँ इकै पाछै बी परमेसर की आ दया मेर प होई ह जिऊँ म गैर-यहूदि मिनखानै मसी का अनमोल धन का चोखा समचार सुणाऊँ।
क्युं क जखी आत्मा थानै दि गई ह, बा थानै ओज्यु दास बणाबा नहिस डराबा ताँई कोनी पण आपानै बिकी ओलाद बणाबा ताँई ह जिऊँ आपा “अब्बा, परम-पिता” खेर बुलावां हां।
अर थेबी ईसु मसी म मनदर होबा ताँई बणाया जार्या हो जिमै परमेसर बिकी पबितर आत्मा क जरिए बास करै ह।
लिमिक मथूसिलह की, मथूसिलह हनोक की हनोक यिरिंद की, यिरिंद महलेल की, महलेल केनान की,
क्युं क थे मसी ईसु प बिस्वास अर सगळा परमेसर का मिनखाऊँ प्यार-परेम राखो हो, आ बाता क बारां म म्हें सुण्या हां।
जदकी थे तो बिका बेटा हो, अर परमेसर आपका बेटा की पबितर आत्मानै जखी हे अब्बा, हे परम-पिता बोलर हेलो देवै ह, आपणा हिया म भेज्यो ह।
नोगह जखो मात की, मात जखो मत्तीया की, मत्तीया जखो सिमी की, सिमी योसेख की, योसेख योदहा की,
म्हें जद बी अरदास करां हां, जणा सदाई आपणा परबु ईसु मसी का परम-पिता परमेसरनै थारै ताँई धनेवाद देवां हां,