8-9 क्युं क थे इब अँधकार म नइ पण परबु का उजाळा म हो, उजाळो भलाई, धारमिक्ता अर सच जंय्यां का फळ ल्यावै ह। इ ताँई उजाळा का टाबरा की जंय्यां जीओ।
ईसु ओज्यु बोल्यो, “म इ जगत का मिनखा को च्यानणो हूँ। जखो बी मेरै गेल चालसी बो सचो जीवन जिसी, अर बो कदैई पाप का गेला प कोनी जावै।”
पण ज आपा च्यानणा म चालां जंय्यांकी बो च्यानणा म चालै ह, जणा आपा बिस्वासी होबा क नातै एक दुसराको सागो देस्यां, अर परमेसर का बेटा ईसु को लोय आपानै आपणा सगळा पापऊँ सुद कर देसी।
जिऊँ तू बाकी आँख्या खोलै अर बानै अँधेराऊँ च्यानणा म अर सेतान की सक्तिऊँ परमेसर कानि ल्यावै, अर मेर प बिस्वास करबाऊँ बानै पापऊँ माफी मिलसी अर जखी बापोत मेरा टाळेड़ा मिनखा ताँई ह बिमै बाको बी हिस्सो होसी।’
परमेसर आपणानै अँधकार की सक्तिऊँ छुटार आपका लाडला बेटा क राज म बाड़्यो ह।
म जगत म च्यानणा की जंय्यां आयो, जिऊँ मेर प बिस्वास करबाळा अँधेरा म नइ पड़्या रेह्वै।
बाकी मती मरेड़ी ह। बे आपकी अज्ञानता अर हिया की कलडाई की बजेऊँ परमेसर का जीवनऊँ न्यारा ह।
च्यानणा प बिस्वास करो, जद ताँई बो थारै कनै ह जिऊँ क थे च्यानणा का मिनख बणो।” आ बोलर ईसु चलेगो अर खुद बाऊँ लुखर रिह्यो।
अर गेलड़ा दिना म थे इ जगत का कूगेला प चालता हा, अर सगळी सूगली ओपरी बलाया का राजा को कह्यो कर्या करता हा, आ आत्मा बा मिनखा प हक जमावै ह जखा परमेसर का हुकमानै कोनी मानै।
क्युं क बो परमेसरई ह जखो बोल्यो क, “अँधेरा म च्यानणो हो” अर बोई म्हारा हिया म होयो, जिऊँ म्हानै ईसु मसी म परमेसर की मेमा की ज्ञान को च्यानणो मिल सकै।
क्युं क मसीनै मानबाऊँ पेली आपा बी बेबुदी का, खयो नइ मानबाळा, भटकेड़ा अर हरतर्या की मो-माया का गुलाम हा। आपणो जीवन बुराई अर बळोकड़ा पुणाऊँ भरेड़ो हो। अर आपा एक दुसराऊँ नफरत करता हा।
आ देखर बो साऊकार बि बेईमान भंडारीनै खूब सरायो क्युं क बो तेजपुणाऊँ काम कर्यो। दुनिया का मिनख परमेसर का मिनखाऊँ बरताव म तेज पड़ी हीं।
क्युं क आ राड़ मिनखाऊँ कोनी पण उपरी सक्तिया का अधिकारीयाऊँ, अँधकार का हाकीमाऊँ अर बुरी आत्मा की सेनाऊँ ह।
इ ताँई आपणा मुंडा ढकेड़ा कोनी। बे परबु की मेमा का तेजनै दरसावीं हीं अर पबितर आत्मा आपानै होळ्या-होळ्या आपणा मेमाभर्या परबु की जंय्यां बणावै ह।
जिऊँ बो च्यानणो मोत की छाया म सोबाळा अर अँधकार म जिबाळा प चमकसी अर आपानै स्यांती म लेज्यासी।”
परमेसर प बिस्वास नइ करबाळा का संगी मना बणो। क्युं क, बुराई को भलाई क सागै अर अँधेरा को च्यानणा क सागै काँई मेळ?
पण परमेसर थानै मसी ईसु म जोड़्यो अर मसीनै थारी बुदी बणायो। अर बिकै जरिएई आपा परमेसर की नजर्या म धरमी हां अर आपा परमेसर का पबितर मिनख बण्या अर अजाद कर्या गया।
तू आ मानै ह क तू आँदा की आँख ह अर जखा अँधेरा म भटकर्या हीं बा ताँई च्यानणो ह,
सगळा मिनखानै च्यानणो दिखाबाळो, सचो च्यानणो जगत की नजर्या म आर्यो हो।
जखा अँधेरा म बेठ्या हा, बे च्यानणो देख्या; अर जखा मोत का काळ म हा बाकै उपर बी च्यानणो चमक्यो।”
अर ज आपा पबितर आत्मा क कह्या गेल जीवां हां जणा पबितर आत्मा गेल भेवार बि करां।
परमेसरनै जाणता बुजता बी बे बिको परमेसर की जंय्यां आदरमान कोनी कर्यो अर नइ बिनै धनेवाद दिओ। बाकी सोच बेकार होगी अर बाका बेबुदी मन अँधकारऊँ भरगा।
अर प्यार-परेमऊँ जीवन बसर करो, जंय्यां मसी आपणाऊँ प्यार-परेम कर्यो अर परमेसर क सामै आपणै ताँई खुदकी भेंट चढा दि बिको आपणा ताँई ओ परेम चोखी सुगंद हाळी धूप की जंय्यां ह जखी परमेसरनै भावै ह।
परमेसर बि टेम का मिनखा को लेखो कोनी लेबो चायो जद बे बिनै कोनी जाणता हा, पण इब बो हुकम देवै ह क सगळी धरती का सगळा मिनख पापऊँ तौबा करै।
थारा करमाऊँ ओ बेरो पड़णो चाए क थे थारा हियानै पाप का गेलाऊँ फेर लिआ हो।
ईसु बोल्यो, “क्युं क टेम ताँई थारै बिचमै च्यानणो होसी। जद ताँई थारै कनै च्यानणो ह, थारा गेला प चालता रेह्ओ जिऊँ अँधकार थारै कनै नइ आ सकै। जखो अँधकार म चालै ह बो कोनी जाणै क बो कठै जार्यो ह।
रात ढळबाळी ह, अर दिन उगबाळो ह। अँधेरा का काम करबो छोडो अर उजाळा का हतियार उठाल्यो।
परम-पितानै धनेवाद देता रह्यो, बो थानै इ जोगो बणायो ह क उजाळा का राज म जोक्यु परमेसर आपका मिनखा ताँई धर राख्यो ह बिमै थारी पाँती होवै।