अंय्यांई ओ मोट्यारो, थे बी थारी लूगाया क सागै समजदारीऊँ जीवन जीओ। अर लूगायानै थारूँ कम मजबूत अर जीवन का बरदान म थारी पाँतीवाळ मानर बाकी ईज्जत करो। जिऊँ थारी अरदास म कोई आट नइ आवै।
अर इब म खुद जिंदो कोनी हूँ, पण मसी मेरै म जीवै ह। अर ज म काया म जिंदो हूँ तो बस बि बिस्वासऊँ जिंदो हूँ जखो परमेसर का बेटा प ह, जखो मेरूँ परेम कर्यो अर मेरै ताँई खुदनै दे दिओ।
जणा इब थे बिस्वासी मंडळी का रूखाळा हो आ जिमेदारी थानै पबितर आत्मा सूपी ह। बा लल्ड्या का रेवड़ा का गुवाळ्या बणो, जिनै परमेसर आपका बेटा का लोयऊँ मोल लिओ ह।