23 अर मन आत्मा म नया बणता जाओ,
दुनिया की बाता प मना चालो। पण लगातार परमेसरनै थारा मनानै पूरीतर्या बदलबा द्यो। क्युं क अंय्यां होबाऊँ थे परख'र जाणस्यो क परमेसर की काँई इंछ्या ह, काँई चोखो ह, काँई बिनै राजी करै अर काँई सिद ह।
काया की बाता प मन लगाबो तो मरबो ह, पण पबितर आत्मा प मन लगाबो जीवन अर स्यांती ह।
अर नएड़ा सुभावनै ध्यार लिओ ह। अर थे परमेसर का गुण अर बिका सगळा ज्ञान म दिन-दिन बढता जाओ।
इ ताँई थारी बुदीनै काम म ल्यो, खुदनै बस म राखो अर बि दया की आस राखो जखी थानै ईसु मसी क परगट होबा की टेम मिलसी।
अंय्यां इ ताँई कोनी होयो क आपा धरम का करम कर्या हा, पण आ बिकी दयाई ह की बो आपानै पबितर आत्मा क जरिए बचायो ह जखी आपानै धोर नयो जलम अर नई जिंदगी देवै ह।
आपा परमेसर की बणाएड़ी रचना हां अर मसी ईसुऊँ भला काम करबा ताँई आपानै रच्यो गयो ह, जानै परमेसर पेल्याऊँई आपणा ताँई त्यार कर्यो ह।
जणा बिकी मोत को बतिस्मो लेबाऊँ आपा बी बिकै सागैई गाड्या गया हा, अर जंय्यां परम-पिता की मेमा भरी सक्ति क जरिए मसीनै मरेड़ा मऊँ जीवायो गयो हो बंय्यांई आपा बी एक नयो जीवन जीवां।