जंय्यां एक हेली निम प चिणी जावै ह, बंय्यांई थे परमेसर का भेजेड़ा चेला अर बिकी खेबाळा मिनखा की सीख की निम प सेलाणी हो। जिकै कूणा का सिरा को भाठो खुद मसी ईसुई ह।
जणा बो बाऊँ बोल्यो, “जंय्यां क थे पेलीऊँ जाणोई हो क एक यहूदि मिनख को गैर-यहूदि मिनखऊँ कोई समंद राखबो अर बिका घरा आबो जाबो बरजेड़ो ह, पण परमेसर मनै दिखायो ह क, नइ तो कोई मिनख सूगलो ह अर नइ निची जात को ह।
क्युं क म थानै बताऊँ हूँ, थे जखो देखो हो बानै बोळा परमेसर की खेबाळा अर राजा देखबो चावै हा। पण बे देख कोनी सक्या अर जखो थे सुणो हो बा बे कोनी सुण सक्या।”
जणाई तो परमेसर को ज्ञान बोलै ह, ‘म बाकन परमेसर की खेबाळा अर बानै भेजस्युं जखा भेजेड़ा खुवावीं हीं।’ अर बे बामैऊँ क्युंकनै तो मार देसी अर क्युंकनै दिन घालसी।