16 परमेसर आपकी मेमा का धनऊँ बिकाळी पबितर आत्माऊँ थानै आ सक्ति देवै जिऊँ थे थारा खुदका मांयला मिनख म सक्ति पार तगड़ा होता जाओ।
बो थानै आपकी मेमाभरी सक्तिऊँ मजबूत बणावै ह जिऊँ थे थ्यावस राख'र सक्यु सेह सको। अर राजी-खुसीऊँ
अर मसी कानिऊँ मिलेड़ी सक्तिऊँ म हरेक दसा को सामनो करबा की हिमत राखूँ हूँ।
पण परबु मेरै सागै खड़्यो रिह्यो अर मनै ताकत दिओ, जणाई तो म सगळा गैर-यहूदिआनै सुणाबा ताँई चोखा समचार को खूब हेलो पाड़ सक्यो अर म मोत की सजाऊँ बचायो गयो।
इ ताँई कदैई हिमत मना हारो, चाए आपणी बारली काया कमजोर होती जारी ह, पण आपणो मांयलो नित नयो होतो जार्यो ह।
आखरी बात आ ह क परबु अर बिकाळी सक्ति म तगड़ा बणज्याओ।
पण बो मनै बोल्यो, “तेरी कमजोरी म मेरी दया जखी तेर प ह बा तनै बोळी, क्युं क कमजोरी मई मेरी सक्ति बोळी काम करै।” इ ताँई म मेरी कमजोरी म बोळो राजी होर गुमान करस्युं जिऊँ मसी की सक्ति मेर प उतरसी।
अर बिका सगळा भर्यापूरा धन क सागै मेरो परमेसर मसी ईसु क हाता थारी सगळी जुर्तानै पूरी करसी।
मेरी अन्तर-आत्मा क मांयनै तो म परमेसर का नेम-कायदानै राजी पेटा मानू हूँ।
चेता म रेहज्यो अर मजबूती क सागै बिस्वास म बण्या रेहज्यो। थे हिमत राखबाळा अर ठाडा बणो।
जिऊँ जानै बो पेल्याऊँई मेमा ताँई त्यार करमाल्यो हो अर बिकी दया क जोगा हा बापै बो आपकी भरपूर मेमा परगट कर सकै।
परमेसर आपका टाळेड़ा मिनखा प बि भेदभर्या सतनै परगट कर्यो जिकी बो मनस्या बणा राखी ही ओ सत बोळो मेमाभर्यो ह, अर ओ सगळा ताँई ह। ओ भेद भर्यो सत ओ ह क, मसी गैर-यहूदि मिनखा म बी रेह्वै ह जखो मेमा की आस ह।
म परमेसर का सगळा मिनखा म सऊँ छोटो हूँ इकै पाछै बी परमेसर की आ दया मेर प होई ह जिऊँ म गैर-यहूदि मिनखानै मसी का अनमोल धन का चोखा समचार सुणाऊँ।
अर म आ बी माँगु हूँ क बिका च्यानणानै देखबा ताँई थारा मन की आँख्या खुलज्यावै जिऊँ थे जाणल्यो क बा कूणसी आस ह जि ताँई बो थानै बुलायो ह? अर बा आ ह क परमेसर का मिनखा म बिऊँ मिलबाळी मेमाभरी पाँती कत्ती मोकळी ह।
अर थे म्हानै बिचासबा मना द्यो पण बुराईऊँ बचाओ।
ईसु मसी की खुदकी मरजीऊँ बिका लोयऊँई आपणो छुटकारो होयो ह अर पापऊँ माफी मिली ह। आ परमेसर की बोळी बडी दया ह,
बळती लायनै बुत्ता दिआ अर तलवार की धारऊँ बच निकळ्या। बे कमजोर होबा क पाछै बी सक्तिसाली बणग्या अर युद म सक्तिसाली होगा अर दुसरा देसा की सेनानै तीनतेरा कर दिआ।
पण थे स्यांत अर सुदी बणो जिऊँ थे मांयऊँ सोवणी होस्यो। अंय्यां को सोवणोपूणो सदाई बण्यो रेह्वै ह अर परमेसर की नजर्या म इको बोळो मोल ह।
ओ उपकार जखो बो मसी ईसु म आपणा प दिखायो ह, बि दया क जरिए बो आबाळा जुग-जुग का मिनखानै बिका उपकार की बोळी मुकळाईनै दिखाबो चावै ह, जिकी कोई होड कोनी कर सकै।
सचो यहूदि बो ह जखो मांयऊँ यहूदि ह अर सची सुन्नत बा सुन्नत ह जखी आत्मा क जरिए मन की होवै ह मांडेड़ा नेम-कायदाऊँ नइ। अंय्यां का मिनख की बडाई मिनख नइ पण परमेसर खुद करै ह।
ओ म इ ताँई करूं हूँ क, बाका हिया म हिमत बंधै अर बे आपसरी का प्यार-परेम म बंद जावै, अर बाकन मोकळी पक्की समज होवै जखी परमेसर पिता का भेदनै सूल जाणबाऊँ आवै ह। ओ भेद मसी ह जिनै परमेसर खोल्यो ह।