13 जणाई म थारूँ हात जो'ड़र खेऊँ हूँ क, थे हिमत मना हारो क्युं क म थारै ताँई जेळ म दुख उठार्यो हूँ, अर अ सगळी बाता थारै भला ताँई ह।
ओ मेरा लाडला बिस्वास्यो, थे भला काम करबा ताँई कदैई हिमत मना हारज्यो।
मसी की सेवा करतो होयो म थारै ताँई दुख उठाबानै राजी हूँ, अर म मसी की काया मतबल बिस्वास्या की बिस्वासी मंडळी ताँई मसी का सेवका की पिड़ानै भोगर्यो हूँ।
ज म्हें सताया जावां हां जणा बो थानै हिमत बंधाबा अर थारा छुटकारा ताँई होवै ह। थे राजी हो जणा म्हें बी राजी हां। अर थारो राजी रेह्बोई थानै हिमत क सागै बा कळेसानै भोगबा की ताकत देवै ह जखा कळेस म्हें भोगां हां।
इ बजेऊँ म, पोलुस थारै ताँई जखा गैर-यहूदि हो, मसी ईसु को दास हूँ, आई मेरै केदि होबा की बजे ह।
जणा आपानै चाए क जीज्यानऊँ भला काम करबा म लाग्या रेह्वां। जिऊँ ठिक टेम आबा प आपानै बिको फळ मिलै।
अर चेलानै समजाता अर हिमत बंधाता हा क, “बिस्वास म बण्या रेह्ओ अर परमेसर का राज म बड़बा ताँई आपानै बोळा दुख भोगणा पड़सी।”
म्हारै प परमेसर की दया होई जिऊँ म्हानै आ सेवा मिली ह, जणा म्हें हिमत कोनी हारां।
बंय्यांई थानै बी राजी होणो चाए अर थारी खुसी को बाटो मेरै सागै करबो चाए।