22 अर थेबी ईसु मसी म मनदर होबा ताँई बणाया जार्या हो जिमै परमेसर बिकी पबितर आत्मा क जरिए बास करै ह।
थे जाणो कोनी के थे परमेसर का मनदर हो अर परमेसर की पबितर आत्मा थारै म रेह्वै ह?
जंय्यां को परेम परमेसर आपाऊँ करै ह बिनै आपा जाणा हां अर आपा बिपै बिस्वास बी करां हां। परमेसर परेम ह, अर जखो बी मिनख परेम करै ह बो परमेसर म बण्यो रेह्वै ह अर परमेसर बिमै बास करै ह।
अर आपानै पूरो बिस्वास बी ह क बो आपणा म बास करै ह अर आपा बी बिकै सागै चालां हां क्युं क बो आपानै खुदकी पबितर आत्मा दिओ ह।
अर जखोबी मिनख परमेसर का हुकमानै मानै ह, बिकै मांयनै परमेसर को बास रेह्वै ह अर बो मिनख परमेसर म बण्यो रेह्वै ह। अर पबितर आत्मा की बजेऊँई जखी आपानै दि गई, आ जाण ज्यावां हां क आपणै मांयनै परमेसर को बास ह।
अर थारा बिस्वास क जरिए मसी थारा हिया म बास करतो रेह्वै, थे थारै मांय प्यार-परेम की जड़ पकड़र बिपै निम धरल्यो।
परमेसर का मनदर को मूरत्याऊँ काँई नातो? क्युं क आपा खुदई जीवता परमेसर का मनदर हां, जंय्यां बो खुदई खयो हो, “म बामै रेह्ऊँ हूँ, बामै चालू फिरूँ हूँ। म बाको परमेसर हूँ, बे मेरा मिनख हीं।
अर थे ओ कोनी जणो के थारी काया पबितर आत्मा को मनदर ह आ आत्मा थारै मांयनै रेह्वै ह जिनै परमेसर थानै दिओ ह। थे खुदका कोनी हो, पण परमेसर का हो।
परमेसर की सेवा म म्हें साती-संगी हां, अर थे परमेसर का खेत अर बिका भवन हो।