पण थे अंय्यां का मिनख कोनी हो। थे तो परमेसर का टाळेड़ा खास मिनख हो। थे स्याही याजका की टोळी अर पबितर कूणबो हो। एक कूणबो जखो परमेसरऊँ निकळ्यो ह। परमेसर थानै अँधकारऊँ ताजूबभर्या च्यानणा म ल्यायो ह। जणा इब थानै चाए क थे बिकी ताजूबभरी बाता को जखी बो करी ह, हेलो पाड़ो। पबितर सास्तर म मंडेड़ो ह,
जणा इब थे बी जीवता भाठा की जंय्यां हो, जाऊँ परमेसर आपको आत्मिक घर बणार्यो ह। थे पबितर याजक बी हो, जखा आपका आत्मिक चढावानै ईसु मसी क जरिए परमेसरनै राजी करबा ताँई चढाओ हो।
अर म सगळो को सगळो बिको होज्याऊँ। म खुदकी धारमिक्ता की बजेऊँ धरमी कोनी हूँ जखी नेम-कायदा म मंडेड़ा धरम का काम करबाऊँ आवै ह, पण बि धारमिक्ता की बजेऊँ धरमी हूँ जखी मसी म बिस्वास की बजेऊँ परमेसर कानिऊँ आवै ह अर ओ बिस्वास करबाऊँई होवै ह।