12 जणाई म्हें मसी प आस लगाबाळा पेला हां, परमेसर की मेमा ताँई जे-जैकार करां हां।
परमेसर की मेमाभरी दया ताँई बिकी जे-जैकार होवै, जखी बिका लाडला बेटा म आपानै सितमित म मिली ह!
पण परबु का लाडला बिस्वास्यो, थारै ताँई म्हानै सदाई परमेसर को धनेवाद करतो रेह्णो ह, क्युं क परमेसर खुदकी पबितर आत्मा की सक्तिऊँ थानै बचार बिका पबितर मिनख होबा अर छुटकारा का पेला फळ होबा ताँई पेल्याऊँ टाळ लिओ ह, क्युं क थे सच प बिस्वास कर्यो ह।
बिस्वास्या की बिस्वासी मंडळी म परमेसर की मेमा जुग-जुग होती रेह्वै क्युं क आ मेमा परमेसर मसी ईसु क जरिए परगट करी ह। अंय्यांई होज्यावै!
बो आपकी इंछ्याऊँ आपानै सचाई का बचनऊँ पैदा कर्यो ह जिऊँ आपा बिकी बणाएड़ी सगळी सरस्टि म पेलो फळ होवां।
ओ उपकार जखो बो मसी ईसु म आपणा प दिखायो ह, बि दया क जरिए बो आबाळा जुग-जुग का मिनखानै बिका उपकार की बोळी मुकळाईनै दिखाबो चावै ह, जिकी कोई होड कोनी कर सकै।
ईसु आपका चेलाऊँ बोल्यो, “मन म चिंत्या कर उदास मना होवो , पण परमेसर अर मेर प बी बिस्वास करो।
जोक्यु मसी कर्यो बिकी बजेऊँ थे परमेसर प बिस्वास करो हो। परमेसर जखो बिनै मरेड़ा मऊँ जीवायो अर मेमा दि, इ बजेऊँई थे परमेसर म आस अर बिस्वास राखो हो।
अर इ बजेऊँई म अ सगळा दुख उठाऊँ हूँ। पण म इ ताँई सरमिंदा कोनी, क्युं क म जाणू हूँ क, मेरो बिस्वास किमै ह, अर म इ बात ताँई पक्को हूँ क, जोक्यु बो मनै सूप्यो ह बिनै मसी क ओज्यु आबाळा दिन ताँई बचाबा को बळबूतो राखै ह।