4 अर अरदास करो क म आनै साप-साप बोल सकूँ जंय्यां मनै बोलबो चाए।
इ चोखा समचार ताँई म राजदुत हूँ अर साँकळा म भंदेड़ो हूँ; अर अरदास करो की म इ चोखा समचार क बारा, म बेधड़क होर बोल सकूँ।
थारो बोल मिठो अर मननै चोखो लागबाळो होणो चाए जिऊँ थे जाणल्यो की कूणसा आदमीनै कंय्यां को जुबाब देणो चाए।
म्हारै कनै आ मेमा भरी आस ह जणाई म्हें बेधड़क बोलर्या हां।
जणा पतरस अर दुसरा भेजेड़ा चेला बोल्या, “मिनखऊँ पेली परमेसर की बातनै मानबो जरूरी ह।
इब परबु जी थे गोर धरो अर थारा दासानै हिमत क सागै थारा बचनानै सुणाबा की सक्ति द्यो।
अबिस्वास्या क सागै थारो बरताव सलिका को राखो अर हरेक मोका को चोखो फाईदो उठाओ।