16 आ चिठी थारै बाच्या पाछै लोदिकीया की बिस्वासी मंडळी म बी बाची जावै अर जखी चिठी लोदिकीया म रेह्बाळा मसी का बिस्वासी लेर आसी बिनै थे बी बाचज्यो।
आ चिठी सगळा भायानै बाचर सुणाज्यो इ ताँई म थानै परबु क सामै ओडाऊँ हूँ।
ज कोई म्हारी इ चिठी म मांडेड़ी बातानै कोनी मानै बापै निगा राखो अर बाका संगराऊँ दूरई रह्यो जिऊँ बाको सीर निचो होज्यावै।
म चाऊँ क थे इ बातनै जाणो क, म थारै ताँई, लोदिकीया नगरी म रेह्बाळा अर बा सगळा ताँई जाऊँ मेरो आमनो-सामनो कोनी होयो, कत्ती चिंत्या राखूँ हूँ।
थारै ताँई अर लोदिकीया अर हिरापुलिस नगर्या का मिनखा ताँई बो बोळी कड़ी मेनत करै ह इ बात की म खुद गुवाई दे सकूँ हूँ।
लोदिकीया म रेह्बाळा भाई बंदानै, नुमफास अर बिकै घरा भेळी होबाळी बिस्वासी मंडळीनै म्हारी “जे मसी की” पुगै।