1 मालको, याद राखो थारै उपर बी ईस्बर नगरी म एक मालिक ह, इ ताँई थारा गुलामाऊँ थारो बरताव सळीयो अर बाजीब होणो चाए।
बे उन्याऊँ लड़सी पण बो उन्यो आपका टाळेड़ा, बुलाईड़ा अर आपकै गेल चालबाळा बिस्वास जोगानै सागै लेर बिनै हरा गेरसी क्युं क बो उन्यो राजाओं को बि राजा अर परबुआ को बी परबु ह।”
क्युं क जखो दया कोनी करै बिको न्याय बी बिना दया होसी। पण दया न्यायनै जीतै ह।
सुणो, जखी ध्यानगी थे थारा खेता म निन्याण करबाळा मजुरियानै कोनी दिनी , बा थारै खिलाप जोरऊँ बोलरी ह अर लावणी करबाळा मजुरिया की चिख सऊँ सक्तिसाली परबु क काना ताँई पुगगी ह।
बिकी जांघ अर बिका गाबा प अंय्यां मंडर्यो हो, ओ राजाओं को राजा अर परबुआ का परबु।
“पण बो राजा बणर पाछो आपकै घरा आग्यो। अर आताई बो बा दासानै बुलायो जानै बो सोना की म्होर देर गयो हो क्युं क बो आ जाणबो चावै हो क बे बा म्होराऊँ क्यु कमाया हीं क कोनी।
अर बानै ओडायो, ‘थे माखाळा अँगूरा का बाग म जार काम प लागज्याओ म थानै बाजीब मजुरी देस्युँ।’