11 बो थानै आपकी मेमाभरी सक्तिऊँ मजबूत बणावै ह जिऊँ थे थ्यावस राख'र सक्यु सेह सको। अर राजी-खुसीऊँ
परमेसर आपकी मेमा का धनऊँ बिकाळी पबितर आत्माऊँ थानै आ सक्ति देवै जिऊँ थे थारा खुदका मांयला मिनख म सक्ति पार तगड़ा होता जाओ।
अर मसी कानिऊँ मिलेड़ी सक्तिऊँ म हरेक दसा को सामनो करबा की हिमत राखूँ हूँ।
सगळी बाता म खुदनै छोटो बणार नरमाई समेत, थ्यावस राख'र प्यार-परेमऊँ एक दुसरा की सेण करो;
आखरी बात आ ह क परबु अर बिकाळी सक्ति म तगड़ा बणज्याओ।
आपणा जंय्यां का माटी का भांढा म आत्मिक जागिर धर राखी ह अर आ अनोरी सक्ति आपणी कोनी ह पण परमेसर की ह।
बे राजी-खुसी पंचायतऊँ चलेगा क्युं क ईसु नामऊँ परमेसर बानै पिड़ा अर बेजती भोगबा जोगा समज्या।
जखा मिनख परमेसर का हुकमानै मानै, अर ईसु प बिस्वास करै ह बानै थ्यावस अर बिस्वास राखबा की जुर्त ह।
अर समजऊँ खुद प काबू राखबानै अर खुद प काबू राखबाऊँ थ्यावसनै अर थ्यावसऊँ परमेसर की भगतीनै,
बे मिनख जखा थ्यावसऊँ भला कामा म लागर मेमा, मान-समान अर अजर-अमर जीवननै टोवीं हीं बानै परमेसर अजर-अमर को जीवन देसी।
पण जद पबितर आत्मा थानै मिलसी जणा थारै म परमेसर की सक्ति आज्यासी अर थे यरूसलेम, सगळा यहूदिआ, सामरीया का इलाका अर धरती का इ कूणाऊँ बि कूणा ताँई मेरा गुवा होस्यो।”
चेता म रेहज्यो अर मजबूती क सागै बिस्वास म बण्या रेहज्यो। थे हिमत राखबाळा अर ठाडा बणो।