12 बिनै दरसाव म दिखर्यो ह क हनन्या नाम को एक मिनख बिकन आर बिपै हात धर्यो ह जिऊँ बो पाछो देख सकै।”
अरदास करतो बोल्यो, “मेरी नानी छोरी मरबाळी ह, म तेरूँ हात जोड़ खेऊँ हूँ मेरै सागै चालर तेरो हात बिपै धरदे जिऊँ बा बच जावै।”
बि दमिसक नगरी क मांयनै एक चेलो हो जिको नाम हनन्या हो बिनै परबु दरसाव देर बोल्यो, “हनन्या” जणा बो बोल्यो, “परबु म अठै हूँ”
अर आनै भेजेड़ा चेला क सामै लेज्यार खड़्या कर दिआ जणा बे बापै हात धर'र अरदास कर दिनी।