10 बि दमिसक नगरी क मांयनै एक चेलो हो जिको नाम हनन्या हो बिनै परबु दरसाव देर बोल्यो, “हनन्या” जणा बो बोल्यो, “परबु म अठै हूँ”
“बि नगरी म हनन्या नाम को एक मिनख हो जखो नेम-कायदा प चालबाळो अर बठै का यहूदि मिनखा म मान्यो-थान्यो हो।
जणा एक दिन बिनै दिन का तीन बजै दरसाव होयो क परमेसर को एक ईस्बर नगरी दुत बिकन आर बिऊँ बोल्यो, “ओ कुरनेलियुस!”
“‘परमेसर बोलै ह आखरी दिना म, म मेरी पबितर आत्मा सगळा प उतारस्युं। अर थारा छोरा-छोरी परमेसर की बाता बतासी। अर थारा जवान दरसाव देखसी अर बूडा-ठेरा सपना देखसी।
तीन दिना ताँई बिनै क्युंई कोनी सुज्यो अर आ तीन दिना म बो बिना खाया पीयाई रिह्यो।
“म जद याफा नगरी म अरदास करर्यो हो जणा मनै दरसाव होयो अर म काँई देख्यो की आसमानऊँ च्यारू कूणाऊँ लटकायड़ी एक बडीसारकी चादर की जंय्यां कोई चिज आसमानऊँ उतर मेर कनै आई।
अर बो बिकै गेल होगो पण बो आ कोनी समज सक्यो क ओ जोक्यु बो परबु को ईस्बर नगरी दुत करर्यो हो बो सच ह के? बिकै भाऊँ तो ओ एक दरसावई हो।
बठै पोलुस एक दरसाव देख्यो। अर बि दरसाव म बो काँई देखै ह क एक मकीदुनिया को मिनख बिनै हात जो'ड़र खेर्यो ह क, “थे मकीदुनिया आर म्हारी मदद करो।”
बिकै ओ दरसाव देखताई म्हें मकीदुनिया जाबो चाया क्युं क परमेसर म्हानै बठै चोखो समचार सुणाबा ताँई बुलायो ह।
अर एक रात परबु पोलुसनै दरसाव देर कह्या, “तू डरै मना बोलतोई रेह चुप मना होवै
जद म दमिसक नगरी हो बि टेम का अरितास राजा को राजपाल बि नगरी क दरूजा प मनै पकड़बा ताँई पेरो बिठा राख्यो हो।
अर नइ म यरूसलेम म बा मिनखा क कनै गयो जखा मेरूँ पेली भेजेड़ा चेला हा। पण म तावळोसो अरब दिसावर चलेगो, अर बिकै पाछै दमिसक नगरी आग्यो।
बिनै दरसाव म दिखर्यो ह क हनन्या नाम को एक मिनख बिकन आर बिपै हात धर्यो ह जिऊँ बो पाछो देख सकै।”