21 इ चिज म तेरी कोई पाँती कोनी क्युं क परमेसर ताँई तेरै हिया म पेटा पाप ह।
परमेसरऊँ क्युंई लुखेड़ो कोनी। बिकी नजर्या म हरेक चिजा खुली अर उघाड़ी पड़ी ह जिकै सामै आपानै लेखो देणो ह।
ईसु तीसरका पतरसऊँ बोल्यो, “यहून्ना का बेटा समोन, तू मेरूँ परेम करै ह के?” पतरस बोळो दुखी होयो क्युं क ईसु तीसरका बिऊँ आ बात बुजी ही, “तू मेरूँ परेम करै ह के?” जणा पतरस ईसुऊँ बोल्यो, “परबु थे तो सक्यु जाणो हो थे जाणो हो क म थारूँ परेम करूं हूँ।” ईसु बिऊँ बोल्यो, “मेरी लल्ड्यानै चरा।
अर ज कोई परमेसर की खेबाळा की इ पोथी की बाता मऊँ क्युं घटासी जणा परमेसर इ पोथी म मांडेड़ा जीवन का दरखत अर पबितर नगरी मऊँ बिको फळ खोस लेसी।
बे मिनख भागहाळा अर पबितर ह जखा पेला मर्या पाछै ओज्यु जिंदा होबा का भागी होसी। आ मिनखा प दुसरी मोत को कोई बस कोनी। पण अ मिनख परमेसर अर मसी का याजक होसी अर बिकै सागै एक हझार बरस ताँई राज करसी।
म बिका टाबरानै मार गेरस्युं। जणा सगळी बिस्वासी मंडळ्या आ जाण ज्यासी क म हिया अर बुदीनै जाणबाळो हूँ। अर म हरेकनै बाका करमा गेल बदलो देस्युँ।
परमेसर की नजर्या म बे दोन्युई धरमी हा अर बे परबु का सगळा हुकमानै मानबा म खरा हा।
थानै इ बातनै सूल जाणणोई ह क कुकरमी, सूगला काम करबाळा, अर लोभी मिनखा को जखा मूरतीपुजा करबाळा की जंय्यां हीं, मसी अर परमेसर का राज म आकी कोई पाँती कोनी।
(फलिपूस बिनै जुबाब दिओ, “तू तेरा मनऊँ पूरो बिस्वास करै जणा तनै कूण डाट सकै ह।” बो बोल्यो, “हाँ म मेरा पूरा मनऊँ मानू हूँ क परबु ईसु मसीई परमेसर को बेटो ह।”)