बि खुखार ज्यानबर क सीरामऊँ एक सीर म अंय्यां को घाव हो जिऊँ अंय्यां लगार्यो हो बो इबारई मरज्यासी। पण बिको ओ घाव भरगो, जिऊँ सगळी धरती का मिनख ताजूब कर बिकै गेल होलिआ।
पण बे मिनख आ बाट देखता रिह्या की ओ सूज ज्यासी नहिस जमीन प पड़र मरज्यासी। पण जद बोळी देर ताँई बिकै क्युंई कोनी होयो जणा बे बिकै बारां म आपकी राय बदली अर कह्या, “ओ तो कोई देवता ह।”