बे मसी का दास हीं जणा म बावळा की जंय्यां खेऊँ हूँ, म बाऊँ बी बढर मसी को दास हूँ। म बाऊँ बेत्ती मेनत करी ह, बार-बार केद म गयो हूँ, अर बोळीबर कोड़ा खाया, बार-बार मोत को सामनो कर्यो हूँ।
पण आ सगळी बाता क होबाऊँ पेली हर कठै थानै मेरी बजेऊँ पकड़्यो अर सतायो जासी। थानै अरदास करबाळी झघा म सूप्यो जासी अर जेळ म बंद कर्यो जासी थानै राजा अर राज करबाळा क सामै लेर जासी।