34 बाकी टोळी म कोईबी गरीब कोनी हो क्युं क जिकै कनै जमीन अर घर हा बे बानै बेचर बिकेड़ी चिजा का दाम ल्यार
बे आपकी जमीन-जायजाद अर चिज-बस्त बेचर जिकी जंय्यां जुर्त होती बिनै बंय्यांई बाट लेता हा।
जणा म थारूँ बोलुँ हूँ दुनिया का धनऊँ भाईला बणाओ, इको ओ फाईदो होसी की जि दिन ओ धन निमड़ ज्यासी जणा थारी आवभगत जुग-जुग रेह्बाळा घर म करी जासी।
अर थारी सगळी चिजानै बेचर जखो धन मिलै बिनै गरीबा म बाट द्यो। अर खुद ताँई अंय्यां का बटूआ सिमो जखा कदैई पुराणा कोनी होवै। मतबल ओ ह की कदैई नइ निमड़बाळो धन ईस्बर नगरी म भेळो करो। जठै बिकै चोर कोनी लागै अर नइ किड़ा मकोड़ा।
इकै पाछै बो आपका चेलाऊँ बुज्यो, “म जद थानै बिना बटूआ, झोळा अर चपल्या क भेज्यो जणा थानै क्युं चिज की कमी पड़ी ही के?” बे कह्या, “ख्याकीई कमी कोनी होई।”
ईसु बिकै कानि देख्यो अर बिनै परेमऊँ बोल्यो, “तेरै मांयनै एक बात की कमी ह। तू जा अर तेरै कनै जोक्यु बी ह बिनै बेचर गरीबानै देदे। तनै ईस्बर नगरी म धन मिलसी, अर तू मेरै गेल होले।”
ईसु बोल्यो, “ज तू सिद होबो चावै ह जणा जार तेरी जमीन-जायजादा बेचर गरीबा म बाट दे इकै साटा को धन तनै ईस्बर नगरी म मिलज्यासी अर आर मेरै गेल होले।”
अंय्यां कर बे खुद ताँई अंय्यां को धन भेळो करसी जखो आबाळा टेम ताँई एक मजबूत निम म्हेलसी। अर जणा बे बि जीवननै जीतबा जोगा होसी, जखो सचो ह।
बिकन जमीन को एक टुकड़ो हो जिनै बो बेचर बिका दाम भेजेड़ा चेला क हाता म ल्यार दे दिआ।
पण परमेसर अर परम-पिता की नजर्या म खरी अर पबितर भगती तो आ ह क अनाथ अर खाली होईड़ीनै बाकै दुख दरद म समाळै अर खुदनै इ दुनियादारीऊँ बेदाग राख।
जिऊँ थानै अबिस्वास्याऊँ आदरमान मिलै अर थानै कोई बात की कमी नइ होवै।
इ टेम थे थारी बढतीऊँ बाकै आडा आओ जखा कमी-घटी म ह, जिऊँ के बेरो आगै चालर थारी कमी-घटी म बे बी थारै आडै आ सकीं। अर अंय्यां सगळी बाता बराबर बी रेह्सी।