18 जणा बे बानै मांयनै बुलार आदेस दिआ, “ईसु का नामऊँ नइ तो कोईनै क्युं बतळाज्यो अर नइ बिका नामऊँ सीखाज्यो।”
जणा बे बिकाळी बात मानर बानै बुलवाया अर बाकै तड़ा पड़वार आ खेर छोड दिआ, अर आदेस दिओ क, “आईंदा इ ईसु नामऊँ कोई बात मना करज्यो।”
“मनदर म जार खड़्या होवो अर इ नया जीवन की सगळी बाता मिनखानै सुणाओ।”
पण जद पबितर आत्मा थानै मिलसी जणा थारै म परमेसर की सक्ति आज्यासी अर थे यरूसलेम, सगळा यहूदिआ, सामरीया का इलाका अर धरती का इ कूणाऊँ बि कूणा ताँई मेरा गुवा होस्यो।”
“म्हें थानै ठोक बजार आदेस दिन्यो हो क, बि मिनख का नाम की सीख मना दिज्यो, पण थारै काना प तो जुंई कोनी रिंगी। अर थे सगळा यरूसलेमनै बिकी सीखऊँ भर दिओ, थे काँई चाओ हो? बिको लोय म्हारै माथा मंढबो चाओ हो के?”