अर ज म परमेसर की बाता बताऊँ अर म सगळा भेद खोल सकूँ अर सगळो ज्ञान बी जाणल्युं, अर मनै अठै ताँई बिस्वास बी होवै क म डूँगरानै हटा सकूँ हूँ, पण परेम कोनी करूं, जणा म क्युंई कोनी।
ज अरामहाळा दिन एक आदमी की सुन्नत करबा की बजेऊँ नेम-कायदा कोनी टूटै, जणा अराम हाळै दिन एक मिनखनै सागेड़ो निरोगो करबाऊँ, थे मेरै प झाळ्या क्याले काडर्या हो?