अर ज म परमेसर की बाता बताऊँ अर म सगळा भेद खोल सकूँ अर सगळो ज्ञान बी जाणल्युं, अर मनै अठै ताँई बिस्वास बी होवै क म डूँगरानै हटा सकूँ हूँ, पण परेम कोनी करूं, जणा म क्युंई कोनी।
पण इकै बारां म मेर कनै कोई पुक्ता बात कोनी जखी म रोम का राजानै मांडर भेजूँ। जणाई तो म इनै थारै सामै अर खास कर म्हराज अगरीपा! थारै सामै ल्यायो हूँ जिऊँ इ पुछाताछी क पाछै मेर कनै मांडबा ताँई क्युं होवै।
अर जद अधिकारी पोलुसनै बोलबा ताँई इसारो कर्यो, जणा बो बोल्यो, “म आ जा'णर की थे बोळा बरसाऊँ यहूदि मिनखा को न्याय कर्या हो, जणा म राजी होर तेरै सामै मेरो पक्ष धरूँ हूँ।
अर बानै तेरा बारां म आ पटी पढाई गई ह की तू गैर-यहूदि मिनखा म रेह्बाळा यहूदि मिनखानै आ सीखावै ह की थानै नइ तो नेम-कायदानै मानबा की जुर्त ह अर नइ थानै थारा टाबरा की सुन्नत कराबा की अर नइ पेलड़ा रिती-रिवाजा की लिकटी पिटबा की जुर्त ह।