पण आ सगळी बाता क होबाऊँ पेली हर कठै थानै मेरी बजेऊँ पकड़्यो अर सतायो जासी। थानै अरदास करबाळी झघा म सूप्यो जासी अर जेळ म बंद कर्यो जासी थानै राजा अर राज करबाळा क सामै लेर जासी।
पण इकै बारां म मेर कनै कोई पुक्ता बात कोनी जखी म रोम का राजानै मांडर भेजूँ। जणाई तो म इनै थारै सामै अर खास कर म्हराज अगरीपा! थारै सामै ल्यायो हूँ जिऊँ इ पुछाताछी क पाछै मेर कनै मांडबा ताँई क्युं होवै।