15 जणा म बुज्यो ‘परबु थे कूण हो?’ अर परबु बोल्या, ‘म ईसु हूँ जिनै तू दिन घालै ह।
म थारूँ सची खेऊँ हूँ, जद कदै बी थे मेरा भोळा-ढाळा मिनखा मऊँ एक को बी भलो कोनी कर्या इको मतबल ओई ह क थे मरै ताँई क्युंई कोनी कर्या।
जणा बो राजा खेसी, ‘म थारूँ सची बोलर्यो हूँ, जोक्यु बी थे थारा भोळा-ढाळा भाई-भाणा ताँई कर्या हो बो थे मेर ताँई कर्या हो।’
अर म्हें सगळा धरती प पड़गा, अर इबरानी भासा म, म अंय्यां की एक उवाज सुणी ‘साऊल ओ साऊल! तू मनै क्युं दिन घालै ह? आरी क मुंडा प लात मार तू क्याले खुदनै दिन घालै ह।’
पण इब तू उठर खुदका पगा प खड़्यो हो। म तनै मेरो दास बणाबा ताँई दरसाव दिओ हूँ। अर जोक्यु तू आज देख्यो ह अर जखी म तनै आगै दिखास्युं बिनै लोगानै बतातो रेह।