9 मेरै सागैहाळा बिजळी को बो च्यानणो सो तो देख्या पण जखो मेरै सागै बात करै हो बिकी उवाज कोनी सुण्या।
जणा जखा मिनख बिकै सागै हा बे एक झघाई खड़्या होगा अर बाकी जबान कोनी उपड़ी क्युं क बानै उवाज तो सुणै पण कोई दिखै कोनी।
तो म्हराज गेला म मनै धोळै दोपारा घणो जोरको च्यानणो जखो आसमानऊँ आर्यो हो मेरै अर मेरै सागै जाबाळा क च्यारूमेर चमकतो दिख्यो। अर बो अत्तो जोरको हो की सूरज को च्यानणो बिकै आगै क्युंई कोनी हो।