8 जणा म बोल्यो, ‘म्हराज थे कूण हो?’ अर बे कह्या, ‘म ईसु नासरी हूँ, जिनै तू दिन घालै ह।’
“म बी सोच्यो हो, जोक्यु मेरूँ हो सकै बो म नासरत का ईसु नाम क खिलाप करूं।
म्हें इनै आ खेता सुण्या हा क नासरत को ईसु इ मनदरनै ढाह देसी अर मूसा का दियड़ा रिती-रिवाजानै बदल देसी।”
जणा थानै अर इजरायल का सगळा रेह्बाळानै ओ बेरो होज्याणो चाए, क ओ मिनख जखो थारी आँख्या क आगै चोखो-भलो निरोगो खड़्यो ह ओ ईसु मसी नासरी का नामऊँ निरोगो होयो ह। ओ बोई ईसु ह जिनै थे सुळी प चढायो हो अर जिनै परमेसर मर्या पाछै ओज्यु जीवायो हो।
जणा पतरस बिऊँ बोल्यो, “पिसो-टक्को तो मेर कनै आथ कोनी। पण जोक्यु मेर कनै ह बो म तनै जरूर देस्युँ ईसु मसी नासरी का नामऊँ खड़्यो हो अर डोला फिरी कर।”
म थारूँ सची खेऊँ हूँ, जद कदै बी थे मेरा भोळा-ढाळा मिनखा मऊँ एक को बी भलो कोनी कर्या इको मतबल ओई ह क थे मरै ताँई क्युंई कोनी कर्या।
अर नासरत नाम की नगरी म जा बस्यो, जणा बो बचन पूरो होयो, जखो परमेसर की खेबाळो बोल्यो हो: “बो नासरी खुवासी।”
जंय्यां काया म भात-भात का अंग होर बी बे मिलर एक काया बणै बंय्यांई मसी बी ह।
जणा बो राजा खेसी, ‘म थारूँ सची बोलर्यो हूँ, जोक्यु बी थे थारा भोळा-ढाळा भाई-भाणा ताँई कर्या हो बो थे मेर ताँई कर्या हो।’
जणा पतरस बोल्यो, “नइ परबु कदैई नइ क्युं क म हाल ताँई कोईबी सूगली अर बरजेड़ी चिज कोनी खाई।”
अर जिकी बजेऊँ म धरती प पड़गो अर मनै एक उवाज सुणी जखी अंय्यां ही, ‘ओ साऊल, ओ साऊल तू मनै क्याले दिन घालै ह?’