11 अर बि च्यानणा की बजेऊँ मनै सुजबो बंद होगो, अर मनै मेरै सागैहाळा हात पकड़र दमिसक ल्याया।
जणा ले इब तेरै प परमेसर को हात पड़्यो ह, अर इब तू आँदो होज्यासी अर क्युंक टेम ताँई दिन का च्यानणानै कोनी देखसी। अत्ती खेताई बिकी आँख्या क आगै अँधेरोसो होगो अर अठिनै-बठिनै टपटोळा मारबा लागगो जिऊँ कोई बिको हात पकड़र बिनै लेज्यावै।
ज थारी सगळी काया म च्यानणो ह। अर इका कोईसाई कूणा म अँधेरो कोनी जणा ओ थार प जळता दिआ की जंय्यां जगमगासी।”