म तो थानै पाणी को बतिस्मो द्युँ हूँ, जिऊँ ओ बेरोपाट सकै क थे थारा पापऊँ तौबा कर लिआ हो। पण जखो मेरै पाछै आबाळो ह बो मेरूँ बोळो म्हान ह; म तो बिकाळा जूता का सळू खोलबा जोगोई कोनी। बो थानै आग अर पबितर आत्मा को बतिस्मो देसी।
इकै पाछै म एक ओर ईस्बर नगरी दुतनै आसमान क बिचमै उडता देख्यो। बिकन धरती प रेह्बाळा सगळा कूणबा का मिनखा, सगळा देसा, सगळी बोली बोलबाळा अर सगळा कुल का मिनखानै सुणाबा ताँई जुग-जुग ताँई को चोखो समचार हो।
जणा कोईनै चमत्कार करबा की सक्ति, कोईनै परमेसर की बाता खेबा को बरदान अर कोईनै आत्मानै पिछाण्बा को बरदान। अर कोईनै भात-भात की बोली बोलबा को बरदान अर कोईनै बोली को मतबल बताबा को बरदान दिओ जावै ह।