25 बि ताँई दाऊद खेवै ह: “‘म सदाई परबुनै मेरै सामै देखूँ हूँ। क्युं क बो मेरै सागै ह। इ ताँई म कोनी डिगुं।
सुणो टेम आर्यो ह आर्यो के ह आगो जद थे सगळा तीनतेरा होज्यास्यो। थे सगळा मनै एकलो छोडर आप-आप क घरा चल्या जास्यो पण म एकलो कोनी हूँ मेरो परम-पिता मेरै सागै ह।
परमेसर की नजर्या म बे दोन्युई धरमी हा अर बे परबु का सगळा हुकमानै मानबा म खरा हा।
इ ताँई मेरो जीवड़ो राजी ह। अर मेरी जबान राजी-खुसी की बात करसी। अर म आस म जिस्युं।