18 अर म मेरा दास दास्यानै बा दिना म मेरी पबितर आत्माऊँ भर देस्युँ। अर बे भबिस्वाणी करसी।
अर इब कोई यूनानी अर यहूदि, सुन्नत हाळो अर बिना सुन्नत हाळो, बिना लोतर का, कुजात, गुलाम अर अजाद म कोई अंतर कोनी ह पण मसी सक्यु अर सगळा म ह।
जणा इब नइ तो कोई यहूदि रिह्यो अर नइ यूनानी, नइ गुलाम, नइ अजाद, नइ नर, नइ नारी, क्युं क थे सगळा मसी ईसु म एकई हो।
अर जद म्हानै बठै रेह्ता बोळा दिन होगा जणा अगबुस नाम को एक परमेसर की खेबाळो यहूदिआऊँ आयो।
पण ज बो दास मन म आ सोचर क मेरा मालिकनै तो हाल आबा म टेम ह, अर बो पीआ चरी कर दुसरा दास दास्यानै मारबा-कुटबा लागज्यावै।
“‘परमेसर बोलै ह आखरी दिना म, म मेरी पबितर आत्मा सगळा प उतारस्युं। अर थारा छोरा-छोरी परमेसर की बाता बतासी। अर थारा जवान दरसाव देखसी अर बूडा-ठेरा सपना देखसी।
म उपर अकास म चमत्कार अर निचै धरती प अचरजभर्या काम करस्युं। बा दिना म लोय, लाय अर धुँआ को बादळ होसी। परबु क पाछो आबा का बि म्हान अर मेमाभर्या दिन क आबाऊँ पेली